Santan Sukh Pana Hai To Puja Karen Laddu Gopal Ya Krishan Bal Roop Ki





    बाल गोपाल श्रीकृष्ण के बाल रूप को कहा जाता है। कृष्ण जी अपने बाल रूप में बेहद नटखट थे। हिन्दू धर्म के अनुसार कृष्ण जी के बाल गोपाल स्वरूप को सर्वाधिक पूजनीय माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करना निसंतान दंपत्तियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। संतान गोपाल मंत्र (Santan Gopal Mantra)एक ऐसा ही मंत्र है जो निसंतान दंपत्तियों के लिए आशीर्वाद स्वरुप  माना गया  है। । मंत्र जाप के साथ-साथ अपने शयन कक्ष में श्रीकृष्ण की बाल रूप की प्रतिमा रक्खें । इस प्रतिमा की श्रद्धाभाव से पूजा करते हुए उन्हें लड्डू, माखन मिसरी का भोग लगायें । मान्यता है कि इस मंत्र का प्रतिदिन 108 जाप करने से जातक को संतान प्राप्ति अवश्य होती है |

मंत्र का प्रयोग
    संतान प्राप्ति (Santan Prapti) के इच्छुक दंपत्ति  किसी भी रविवार प्रातः सूर्योदय से पहले  प्रातः नहाधोकर तन और मन से पवित्र हो जाएँ | पानी वाला एक खोपरा अर्थात् गोला ले लें और किसी ऐसे स्थान में चले जाएँ जहाँ से उगते हुए सूर्यदेव के स्पष्ट दर्शन हो सकें | पति पत्नीं दोनों एक साथ सूर्य को किसी जल के पात्र से ‘ॐ श्री सूर्य नारायणाय नमः’ का जप करते हुए अर्ध्य दें | गोले को दोनों तोड़कर उसमें से बीज निकालें | इसको प्रसाद स्वरूप महिला खा ले | गोले से निकले जल से दोनों आचमन करें | तदन्तर में दोनों एक माला मंत्र की जप किया करें |
    जब महिला मंत्र जप करें तो गतः के स्थान पर गता बोलें, पुरुष गतः ही जपें |
जप मंत्र
 
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।
    बाल गोपाल श्रीकृष्ण के बाल रूप को कहा जाता है। कृष्ण जी अपने बाल रूप में बेहद नटखट थे। हिन्दू धर्म के अनुसार कृष्ण जी के बाल गोपाल स्वरूप को सर्वाधिक पूजनीय माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करना निसंतान दंपत्तियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। संतान बाल गोपाल मंत्र एक ऐसा ही मंत्र है जो निसंतान दंपत्तियों के लिए आशीर्वाद स्वरुप  माना गया  है। । मंत्र जाप के साथ-साथ अपने शयन कक्ष में श्रीकृष्ण की बाल रूप की प्रतिमा रक्खें । इस प्रतिमा की श्रद्धाभाव से पूजा करते हुए उन्हें लड्डू, माखन मिसरी का भोग लगायें । मान्यता है कि इस मंत्र का प्रतिदिन 108 जाप करने से जातक को संतान प्राप्ति अवश्य होती है |

मंत्र का प्रयोग
    संतान प्राप्ति के इच्छुक दंपत्ति  किसी भी रविवार प्रातः सूर्योदय से पहले  प्रातः नहाधोकर तन और मन से पवित्र हो जाएँ | पानी वाला एक खोपरा अर्थात् गोला ले लें और किसी ऐसे स्थान में चले जाएँ जहाँ से उगते हुए सूर्यदेव के स्पष्ट दर्शन हो सकें | पति पत्नीं दोनों एक साथ सूर्य को किसी जल के पात्र से ‘ॐ श्री सूर्य नारायणाय नमः’ का जप करते हुए अर्ध्य दें | गोले को दोनों तोड़कर उसमें से बीज निकालें | इसको प्रसाद स्वरूप महिला खा ले | गोले से निकले जल से दोनों आचमन करें | तदन्तर में दोनों एक माला मंत्र की जप किया करें |
    जब महिला मंत्र जप करें तो गतः के स्थान पर गता बोलें, पुरुष गतः ही जपें |
जप मंत्र
 
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।

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