धनवान बनने के सरलतम उपाय

मानसश्री गोपाल राजू की धनप्रदायक पुस्तकों (सरलतम धनदायक तांत्रिक प्रयोग) के संक्षिप्त सार-संक्षेप
                
 Gopal Raju

    'अध्यात्म में चाहिए नाम और संसार में चाहिए दाम' वाली  कहावत बिल्कुल ठीक है। परन्तु हमारा सबसे बड़ा दुभार्ग्य यही है कि न तो हम अध्यात्म का सीधा-सच्चा मार्ग अपना पा रहे हैं और ना ही धन के लिए हमारी हवस पूरी हो पा रही है। परिणाम सबके सामने हैं -ईर्ष्या, द्वेष, रोग, शोक, दारिद्रय, मानसिक, संत्रास आदि । इन सबका मूल कारण है प्रकृति, प्रभु प्रदत्त घटकों, संस्कारों तथा परम्परागत चली आ रही धार्मिक आस्थाओें पर अविश्वास और उनका तिरस्कार। प्रस्तुत लेख में कुछ ऐसी ही तिरस्कृत आस्थाओं का उल्लेख कर रहा हूँ, इन्हें श्रद्धा से अपनाएँ और नाम तथा दाम पाने का मार्ग प्रशस्त करेंः
1.  भगवती लक्ष्मी को नित्य प्रातः लाल पुष्प अर्पित करके दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं, धन लाभ होगा।

2.  मंगल तथा शनिवार को पीपल के एक पत्ते पर 'राम' लिखकर उसपर कोई मिष्ठान रखें और हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा दिया करें, धन की प्राप्ति होगी।
3.  काली मिर्च के 5 दाने अपने सिर के ऊपर से सात बार घुमाकर 4 दाने चारों दिशा में तथा एक आकाश की ओर उछाल दें, अकस्मात् धन लाभ मिलेगा।
4.  शनिवार के दिन पीपल का एक अखण्डित पत्ता तोड़ लाएं, उसे गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी तथा दही के घोल से अपने दाएं हाथ की अनामिका उँगली से एक वर्ग बनाकर  उसके अन्दर 'ह्री' अंकित कर दें। सूखने पर पत्ता मोड़कर अपने पर्स में रख लें। तदन्तर में प्रत्येक शनिवार को यह उपक्रम करते रहें। धन से आपका पर्स रिक्त नहीं रहेगा।

5.  यदि धन लाभ का मार्ग अवरुद्ध हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन से नित्य गोधूलि बेला में श्री महालक्ष्मी के सामने अथवा तुलसी के पौधे के नीचे गोघृत का दीपक जलाएं।
6.  शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार से लगातार तीन शुक्रवार तक सांय काल लक्ष्मी मन्दिर में जाकर नौ वर्ष से छोटी ग्यारह कन्याओं को मिश्री मिश्रित खीर का भोजन कराएं, उपहार में लाल चमकीले वस्त्र देकर उन्हें प्रसन्न करें, धन लाभ होगा।
7. उधार वाला यदि पैसे न दे रहा हो तो रात्रि में किसी                 चौराहे पर जाकर छोटा सा गड्ढा खोदें। उस व्यक्ति का    नाम लेते हुए एक गोमति चक्र उसमें दबा दें। यदि उस   गड्ढे पर नीबूं निचोड़ दें तो प्रभाव अधिक अच्छा होगा।
8.  झाडू सदैव ऐसे स्थान पर रखें जहाँ से दिखाई न दें, धन लाभ का यह अच्छा उपक्रम सिद्ध होगा।
9.  यदि अकस्मात् धन पाने की इच्छा हो तो सोमवार के दिन श्मशान में स्थित महादेव मंदिर में जाकर दूध में शहद मिलाकर देव को अर्पित करें।

10. प्रत्येक अमावस्या अथवा शनिवार को पूरे घर की सफाई करके घर के मंदिर में धूप-दीप दिखाने का नियम बनाने से घर में धन का आगमन होता है।
11. यदि वाद-विवाद तथा दुर्घटना आदि के कारण धन का अपव्यय हो तो चमकीले लाल वस्त्र तथा लाल मसूर का उपयोग न करें।
12. शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को पीले कपड़े में रखकर उन सभी पर हल्दी से तिलक करें और शिवजी का स्मरण करते हुए कपड़े को पोटली का रुप दें। उस पोटली को हाथ में लेकर सारे घर में घूमते रहें, बाहर निकलकर बहते जल में प्रवाहित कर दें, धन हानि नहीं होगी।
13. अगर धन संचय नहीं हो रहा है तो तिजोरी में लाल वस्त्र बिछाएं। तिजोरी में गुंजा के बीज रखने से धन की प्राप्ति होती है।

14. किसी गुरूवार को 3 अभिमंत्रित गोमती चक्र, 3 धनकारक पीली कौड़ी तथा हल्दी की 3 गांठ को एक साथ किसी पीले कपड़े से  बांध कर तिजोरी में रख दें, धन की वृद्धि होगी।
15. अचानक धन की प्राप्ति के लिए अपनी मनोकामना कहते हुए बरगद की जटा में गांठ लगा दें। धनलाभ के बाद उसे खोल दें।
16. गोलक में छेद करके शोधित श्रीलक्ष्मी फल उसमें रख दें नित्य उसे धूप-दीप दिखाएं। अब इसमें पैसे डालते रहें, आपकी गोलक कम समय में ही भरने लगेगी।
17. किसी भी मुहूर्त में श्रीलक्ष्मी फल को लाल कपड़े पर स्थापित करें। उस पर कामिया सिंदूर, देसी कपूर एवं अखण्डित लौंग चढ़ाकर और धूप-दीप दिखाकर मुद्रा अर्पित करके धन रखने के स्थान पर रख दें, इससे आशातीत धन लाभ होगा।
18. काली हल्दी को सिंदूर और धूप दिखाकर लाल वस्त्र में लपेटकर एक दो मुद्रा सहित बक्से में रख लें। इसके प्रभाव से धन की वृद्धि होती रहेगी।
19. 11 कौड़ियों को शुद्ध केसर से रंगकर पीले कपड़े में बांधकर धन स्थान पर रखने से धन का आगमन होता है।

20. किसी सोमवार को नागकेसर के 5 फूल 5 बिल्वपत्रों पर अलग-अलग रखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे पूर्व शिवलिंग को कच्चे दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, देसी शक्कर तथा गंगाजल से धोकर पवित्र कर लें 5 सोमवार यह प्रयोग करते रहें। अतिंम दिन चढ़ाए बिल्वपत्र तथा नागकेसर के फूल को घर, दुकान, फैक्ट्री आदि में धन रखने के स्थान में रख दें। इसके प्रभाव से अपार धन-सम्पदा अर्जित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
21. एक नए चमकीले पीले वस्त्र में नागकेसर, हल्दी, साबुत सुपारी, एक पुराना सिक्का, तांबा तथा अक्षत रखकर पोटली बना लें। इसे श्रीलक्ष्मी के सम्मुख रखकर धूप-दीप से पूजन करके सिद्ध कर लें। इसे तिजोरी में स्थापित कर दें, तिजोरी धन से रिक्त नहीं रहेगी।
22. जिस सधन वृक्ष पर चमगादड़ों का स्थाई वास हो, उसकी छोटी सी लकड़ी शुभ मुहूर्त में  किसी रात को निमंत्रण देकर प्रातः काल ब्रह्मबेला में तोड़ लाएं। इसे अपने कार्यस्थल की कुर्सी में अथवा गद्दी के नीचे रख दें। धन को आकर्षित करने का इसमें विलक्षण गुण-धर्म छिपा है।

23. रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद नित्य चाँदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जला दिया करें धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा।
24. नवार्ण प्राण प्रतिष्ठित 'श्री लक्ष्मी कवच' को सर्वार्थ सिद्धि योग में धारण करें। फिर एकांत स्थल में उसे किसी छोटे से आम के पौधे को दोनों हाथों से  स्पर्श करके अपनी फर्म आदि का नामोल्लेख करते हुए श्री महालक्ष्मी का ध्यान करें। इससे आपके व्यापार का अवश्य ही धन लाभ होगा।
25. गोबर से लीपकर एक स्थान को शुद्ध करें। उस पर हल्दी से एक त्रिकोण बना लें। उसमें अपनी फर्म, दुकान आदि का नाम लिखकर सिंदूर का तिलक लगाएं। अब उस पर कम्बल बिछाकर बैठ जाएं और प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट श्री महालक्ष्मी का ध्यान करें, धन लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाएगा।
26. दुकान में तिजोरी के पास लक्ष्मी-नारायण की तस्वीर लगाएं। दुकान खुलते ही मनोभाव से लक्ष्मी जी की पूजा करके फिर बैठें, धन लाभ होगा।
27. जिस प्रकार दुकान खोलते समय पूजा-अर्चना करते हैं उसी प्रकार दुकान बन्द करते समय भी कुछ करें। चलते समय दो अगरबत्ती जला दिया करें, बरकत रहेगी।
28. समस्त कार्यों से निवृत्त होकर रात्रि 10 बजे के पश्चात् उत्तर दिशा की ओर मुँह करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के 9 दीपक जला लें। यह दीपक साधनाकाल तक जलते रहें। दीपक के सामने लाल रंग के चावलों की एक ढेरी बना लें। उस पर एक श्रीयंत्र रखकर कुंकुम, पुष्प, धूप, तथा दीप से उसका यथाभाव पूजन करें। उसके बाद किसी धातु की प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसे सामने रखकर उसका पूजन करें। इस प्रयोग से धन लाभ होगा।

29. श्रीयंत्र को पूजा के स्थान में रखकर उसकी नियमानुसार पूजा करें। फिर लाल कपड़े में लपेटकर उसे धन स्थान पर स्थापित कर दें, धन लाभ होने लगेगा।
30. तांम्रपत्र पर बने प्राण-प्रतिष्ठित श्रीयंत्र को घर के ईशान कोण में स्थापित करके पूजा करें, विविध ऐश्वर्य के साथ धन लक्ष्मी को प्राप्ति होगी।
31. तिथियों के आधार पर अनुलोम-विलोम क्रिया (एक तारीख को क्रमशः एक, दो को दो आदि) से नित्यप्रति घी के दीपक घर में जलाने से परिवार में कभी कलह, अशान्ति नहीं होती तथा लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है।
32. एक नारियल को चमकीले लाल वस्त्र में लपेटकर धन स्थान पर रखने से धन में निरन्तर वृद्धि होती है।

33. जिस घर में एकाक्षी नारियल होता है, वहाँ स्वयं लक्ष्मी वास करती हैं। धन प्राप्ति के लिए किसी भी देवी स्वरूप की उपासन करें और प्रतिदिन देवी पर लौंग अर्पित करें।
33. जिस घर में प्रतिदिन 'श्री सूक्त' का पाठ होता है, वहाँ श्री लक्ष्मी का स्थाई वास होता है।
34. गुरु पुष्य नक्षत्र में स्नानादि से पवित्र होकर पीले रंग के रुमाल में एक हल्दी की गांठ रखें। हल्दी मिश्रित चावलों से रंगकर एक नारियल तथा एक साबुत सुपारी भी उसपर अर्पित करें। धूप-दीप दिखाकर हल्दी में रंगा एक प्राचीन सिक्का उसपर रखकर तदन्तर में नित्य धूप-दीप दिखाते रहें, इस टोटके से धन-धान्य में वृद्धि होगी।

35. रवि-पुष्य नक्षत्र में कुशामूल लाकर उसे गंगाजल से स्नान कराकर देव प्रतिमा की भाँति पूजन करें और लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में स्थापित कर दें। नित्य प्रति उसको धूप-दीप दिखाएँ, धनवृद्धि होने लगेगी।
36. घर के मुख्य द्वार के ऊपर गणेश जी की प्रतिमा अथवा चित्र इस प्रकार लगाएं कि उनका मुहँ घर के अन्दर की ओर रहे, इससे धना का आगमन होने लगेगा।
37. प्रत्येक शनिवार को घर से मकड़ी के जाले, रद्दी तथा टूटी-फूटी बेकार सामग्री आदि हटाने पर लक्ष्मी का वास होने लगता है।
38. शुक्रवार को कमल का पुष्प लाल वस्त्र में लपेटकर अपनी तिजोरी में रखने से धन का आगमन होने लगता है।

39. घर के मुख्य द्वार पर प्रतिदिन सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक बुझ जाने पर बचे हुए तेल को संध्या काल में किसी पीपल के वृक्ष की जड़ में चढ़ा दें। इस प्रकार सात शनिवार तक करने से घर में धन का आगमन होने लगता है।
40. पीपल के वृक्ष के नीचे शिव-प्रतिमा स्थापित करके प्रातःकाल उस पर जल चढ़ाएँ और धूप-दीप दिखाकर पूजा अर्चना करें। इसके बाद 5 माला 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें। सायं काल भी प्रतिमा का पूजन करें, धन लाभ होने लगेगा।
41. किसी शुभ मुहूर्त में हल्दी से रंगी 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियाँ पीले वस्त्र में बांधकर धन के स्थान पर रख लेने से धन की स्थिरता बनी रहती है।
42. दीपावली के दिन पीले वस्त्र में काली हल्दी के साथ एक चाँदी का सिक्का धन स्थान में रखने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

43. काले चावलों को चमकीले लाल वस्त्र में लपेटकर धन स्थान में रखने से आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।
44. मोती शंख का चूर्ण बनाकर पानी में मिलाकर यदि लक्ष्मी जी को स्नान कराया जाए तो धन की कमी दूर होने लगती है।
45. प्रत्येक गुरुवार को तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करने पर आप आर्थिक रूप से अवश्य ही सक्षम होंगे।
46. किसी भी मास के प्रथम शुक्रवार को लाल कमल पुष्प ले आएं। उस पर रोली से तिलक लगाकर लाल कपड़े में रखकर धूप-दीप दिखाएं। उसे धन स्थान में स्थापित कर दें, धन लाभ होगा।
47. कच्ची धानी के दीपक में फूलदार लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। इससे अनिष्ट दूर होगा और धन-धान्य प्राप्त होगा।

48. पीपल के वृक्ष की जड़ में सरसों के तेल का दीपक जलाकर बिना पीछे मुड़कर देखें घर लौट आएं, धन लाभ होगा।
49. देवी लक्ष्मी के चित्र के सामने नौ बत्तियों का शुद्ध घी का दीपक जलाएं, उस दिन धन लाभ अवश्य होगा।
50. एक नारियल पर कामिया सिंदूर, मौली तथा बासमती चावल अर्पित करके पूजन करें, फिर उसे हनुमान मन्दिर में जाकर चढ़ा आएं, धन लाभ होगा।
51. श्री महालक्ष्मी का ध्यान करके मस्तक पर शुद्ध केसर का तिलक करके कार्य पर निकले धन लाभ के शुभ समाचार मिलेंगे।
52. मुख्य द्वार के बाहर शुद्ध केसर से स्वस्तिक बनाकर उसपर पुष्प, अक्षत तथा शहद चढ़ाएँ, लक्ष्मी का घर में आगमन होगा।
53. दो पीले पुष्प श्री महालक्ष्मी पर अर्पित करें, धन लाभ होगा।

54. श्री गणेश को दूर्वा और मोतीचूर के लडुड्ओं का भोग लगाकर श्री लक्ष्मी के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं, धन की कमी नहीं रहेगी।
55. चांदी से बने अभिमंत्रित लॉकेट में शुद्ध मोती तथा मूंगा जड़वाकर गले में धारण करें, धन बाधा दूर होगी।
56. श्रीफल को लाल वस्त्र पर रखकर कामिया सिंदूर, देसी कपूर तथा लौंग चढ़ाकर धूप-दीप दिखाकर कुछ मुद्रा अर्पित करें। फिर लक्ष्मी मंत्र की 7 माला जपकर उसे धन स्थान में स्थापित कर दें, धन-धान्य की वृद्धि होगी ।

57. धन संचय करने के लिए किसी शुभ दिन लाल रेशमी रुमाल में अभिमंत्रित हत्था जोड़ी बांधकर घर में रखें।
58. 'श्री' अंकित कमलगट्टे को श्री महालक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने रखकर उसपर चावल का ढेर बनाएं। लक्ष्मी मंत्र से इसकी पूजा करें। इस दाने को अपने पास सुरक्षित रखें, धन लाभ होगा। यदि श्वेतार्क गणपती के साथ चमकीले लाल वस्त्र में इसे तिजोरी में स्थापित करते हैं तो वह धन से रिक्त नहीं रहेगी।
59. अकस्मात् धन लाभ के लिए लक्ष्मी जी के मन्दिर में सुगन्धित धूप तथा गुलाब की अगरबत्ती का दान करें। यदि शुक्ल पक्ष के किसी शुक्रवार को यह टोटका करते हैं, तो शीघ्र धन लाभ होगा।

60. यदि धन लाभ की स्थिति बन रही हो, परन्तु फलीभूत न हो रही हो तो पीले चन्दन की 9 डलियां लेकर केले के वृक्ष पर पीले धागे से टांग दें, आशातीत फल मिलेगा।
61. शुक्ल पक्ष में सोमवार के दिन एक मुट्ठी साबुत बासमती चावल बहते हुए जल में लक्ष्मी जी का ध्यान करते हुए धीरे-धीरे बहा दें, धन लाभ होगा।
    ऐसे अनेक अन्य सैकड़ों प्रयोगों के लिए आप लेखक के विषय से सम्बधित पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं अथवा इन्टरनॅट पर गोपालराजू सर्च करके उनके ब्लॉग्स या वेबसाइट पर भी जा सकते हैं। परन्तु एक आवश्यक बात सदैव याद रखे कि फल मिलना न मिलना अन्ततः निर्भर करता है  
अपने-अपने प्रारब्ध एक पुरुषार्थ पर इसलिए गोपाल राजू का कोई भी प्रयोग टोटका आदि करते समय अपने बुद्धि-विवेक  का अवश्य प्रयोग करें।






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